विद्याज्ञान का सृजन विशेष रूप से इस प्रकार किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के वंचित किन्तु होनहार छात्रों कि पहचान कर के ...
200 छात्रों को हर साल छठी कक्षा में शामिल किया जाता है।
छठी से बरहवीं तक उच्च गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा ।
1300+ पूर्व छात्र, सभी दुनिया भर के प्रतिष्ठित स्नातक संस्थानों में पढ़ रहे हैं।
विद्याज्ञान कि स्थापना 2009 में कि गयी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में इसके दो परिसर हैं। यह देश के कुछ सर्वाधिक ...
विद्याज्ञान के छात्र अपनी यात्रा की कहानी बताते हैं कि उनके जीवन में कितनी तेजी से बदलाव आए हैं।
"श्री शिव नादार जी के द्वारा किए सराहनीय कार्यों से मैं अभिभूत हूँ। एक समतामूलक और न्यायनिष्ठ समाज के निर्माण के प्रति आपके अनवरत प्रयासों को मेरी शुभ कामनाएँ। "